दुनिया का विकास समय-समय पर होता जा रहा है किंतु समस्या मनुष्य जीवन में बढ़ती जा रही है उनकी मृत्यु जल्दी होने लगी है वहीं दूसरी तरफ प्राचीन काल की बात की जाए वहां पर लोग की मृत्यु बहुत देरी से होती थी और जिसके कारण उनका परिवार भी खुश रहता था पर आज के समय में लगी है मृत्यु जल्दी उठती है तो परिवार भी समस्या चलता है तो आज तो पेट के रोगों की समस्या के लिए हमने कुछ आयुर्वेदिक उपचार का वर्णन यहां किया है जो कि आपको देखना चाहिए यदि आपके पेट की बीमारी है तो आप इसे जरूर अपनाएं ताकि आप जल्दी सही हो सकेगी और यह आयुर्वेदिक उपचार आज की मेडिसिन से बहुत ही सरल और यह आपको तकलीफ नहीं पहुंचाती और इसे कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है
जब चौथाई जल शेष रह जाए तब उतारकर छान लें। इन क्लांट के सेवन से दस्त साफ होता है
2.यदि रोग का टेंपर हाई (गर्म मिजाज) हो तो 20 ग्राम गुलकंद,15 बीज निकाले हुए मुनक्के तथा 6 मासा निम्नलिखित चूर्ण इन सबको मिट्टी की एक छोटी सी हांडी में डालकर ऊपर से 375 ग्राम पानी डालकर आग पर पकाएं, जब आधा पाव पानी रह जाए तब उतारकर मलकर छान लें और तब सेवन कराये। इससे रोगी को दस्त
होगा और गर्मी भी शांत होगी।
3. कब्ज की अधिकता के कारण यदि बुखार में दस्त कराना हो 2-2 तोला अरंडी के तेल को 250 ग्राम गर्म दधू में मिलाकर दे। और यह गर्भवर्भती स्त्री को दिया जाता है।
4.काली निशोध का चूर्ण 3 माशा को 6 माशा शहद में मिलाकर चाटने से रोगी को दस्त होता है ज्वरो में दस्त कराने के लिए यह सर्वोत्तम उपचार है
5. गुठली निकाली हुई बड़ी हरड़ का मुरब्बा 1या 2 नग खिलाकर ऊपर से 250 ग्राम दूध पिला देने से ही 3-4 दस्त हो जाते हैं। नाजुक मिजाज रोगी को एक हरड़ से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
6.साधारण कब्जे में रात में सोते समय 10-12 मुनकके बीज निकालकर, दधू में उबालकर खाए ऊपर से वही दधू पी ले।
इसे प्रातः खुलकर शोच आएगा। कब्ज की शिकायत होने पर इसे 3 दिन लगातार ले।
7.पुराना बिगड़ा हुआ कब्ज हो तो दो सतंरो का रस खाली पेट प्रात 8-10 दिन पीने से ठीक हो जाएगा सतंरो के रस में नमक, बर्फ या मसाला इत्यादि नहीं होना चाहिए।
8.पीली(काबली) हरड़ को रात में भिगो दें और प्रातः इस हरड़ को पानी में थोड़ा-सा रगड़े और तनिक सा नमक मिलाकर पिला दे। इसे कब्ज चाहे जितना पूराना हो वह दूर हो जाएगा। Ak हरड़ 5-6 दिन तक काम करती है।
9.10 ग्राम इसबगोल की भूसी 125 ग्राम दही में घोलकर सुबह_शाम खिलाने से कब्ज ठीक होता है।
10. 4 ग्राम त्रिफला चूर्ण 200 ग्राम गर्म दधू में लेने से कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है।
1.खाना खाने के पश्चात 200 ग्राम छाछ में सीखा हुआ जीरा 1 ग्राम और काला नमक आधा ग्राम मिलाकर पीए इसे दस्त बंद हो जाएगी।
2. आम की गुठली की गिरी को पानी अथवा दही के पानी में खूब पिसलकर नाभी पर गाढ़ी—गाढ़ी लेप करने से सब प्रकार के दस्त बंद हो जाते हैं।
3. नाभि के पास अदरक का रस मिलने से दस्त बंद हो जाते हैं।
4. सौंफ और जीरा सफेद दोनों बराबर वजन लेकर तवे पर भून लें और बारीक पीसकर 3—3 ग्राम की मात्रा से तीन —तीन घंटों के अंतर से ताजा पानी के साथ खिलाएं यह दस्त रोकने की सरल विधि है।
5. सॉफ् 12 ग्राम सफेद जीरा 6 ग्राम दोनों को बारिक पीसकर, 12 ग्राम खांड मिलाकर शीशी में रख ले। प्रात तथा साय 1 ग्राम की मात्रा ठंडे पानी के साथ सेवन करने या कराने से सब प्रकार के पेट के रोग नष्ट हो जाते हैं।
6. सूखा आंवला 10 ग्राम, काली हरड़ 5 ग्राम दोनों को लेकर खूब बारीक पीस लें फिर एक 1 ग्राम की मात्रा से प्राप्त—साय पानी के साथ फांके। आपके हर प्रकार के दस्त बंद करने के लिए यह अत्यंत सरल और अचूक औषधि है।
7. ग्राम जायफल का चूर्ण पानी अथवा दही के साथ पानी के साथ दिन में 2 बार खिलाने से हर प्रकार से दस्तों को तत्काल आराम आ जाता है इसे एक से अधिक दिन तक भी लिया जा सकता है।
पतली दस्त
1.आधा कब उबलता हुआ गरम पानी ले इसमें एक चम्मच अदरक का रस मिलाएं और जितना गर्म पी सके उतना गर्म पीए। हर घंटे के एक बाद एक खुराक लेते रहने से पानी की तरह हो रहे पतले दस्त बंद हो जाते हैं।
2.सूखे आंवले को पानी में बारीक पीस लें और लुगदी बना ले। रोगी के नाभि के चारो और उस लुगदी का कुआ सा घेरा बना दे। नाभि के बीच में खाली रहे। इस गेरे में तुरंत अदरक का रस भर दे और रोगी को चित्त लिटा दे और इस क्रिया से बिना दवा का सेवन करे भयंकर से भयंकर पानी की जेसी बहने और न रुकने वाली दस्त भी रुक जाती है।
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